दीवारें
मुझे दीवारों ने घेरा है
जो हैं ऊँची और नुकीली
कुछ दीवारें पहले से थीं
कुछ खड़ी की खुद मैने
अब यह मेरी राहें रोकें
लेकर कांटे तीखे और पैने
पूर्वाग्रहों से ग्रसित मैं
कदम बढ़ाऊं कैसे
इंसानो से मैं दूर भागता
शेर देख दौड़े सियार जैसे
जीवन यूँ जैसे पानी का बुलबुला
बिन दीवारों जीना सीखो
गिराओ दीवारें जो रिश्ते तोड़ें
गाओ गीत जो दिलों को जोड़ें
सपनों की दुनिया
मेरी अपनी इक दुनिया है
मेरे सपनों की दुनिया
इसे मैंने खुद से बनाया है
चुनिंदा चाहतों से इस को सजाया है
मेरी ख्वाहिशें हीं
मेरी दुनिया का ईंट पत्थर हैं
इन्हीं पत्थरों से अपने
सपनों का घर बनाया है
सुना है ख्वाहिशें कम ही
पूरी हुआ करती हैं
हमने भी डूबती किश्ती पर
दांव लगाया है
जीवन का घोडा अब थक गया है
यह जानते हुए भी ना जाने है
हमने उसे बेतहाशा दौड़ाया है
ज़िंदगी में हर चाल उलटी पड़ी अब तक
फिर भी अब की बार खुद पर दांव
लगाया है
दर्द का एहसास
अपनी दर्द का एहसास सभी को होता है
कभी सोचा क्यों सामने वाला रोता है
क्यों उसकी सिसकियाँ नहीं रुकती
आँखें बोलती हैं पर कुछ नहीं कहती
आंसुओं से कैसे अपने ज़ख़्म धोता है
कभी सोचा क्यों सामने वाला रोता है
क्या दुःख है जो वह छिपाता है
उसका चेहरा क्या कहानी सुनाता है
गम को पीना कितना मुश्किल होता है
कभी सोचा क्यों सामने वाला रोता है
हर दर्द की अपनी इक कहानी है
जो मुश्किल बहुत सुनानी है
जो समझा खुद ही समझा
बड़ी मुश्किल दूजे को समझlनी है
कोई ऐसे ही नहीं गम के अंधेरों में खोता है
कभी सोचा क्यों सामने वाला रोता है
मौत की परछाईं
अब जब के
मौत की परछाईं
आ रही है पास
न जाने क्यों
बढ़ रही लंबा
जीने की प्यास
मन घड रहा रोज़
जीने के नए बहाने
कह रहा मुझे अभी
बहुत काम हैं निपटाने
चंचल मन कर रहा
कोशिश कई नाकाम
प्रभु से बोला
अभी तो मैंने
कभी न बोला
दिल से तेरा नाम
मौत सब देख रही
मंद मंद मुस्कराती
बोली कर ले बेटा
थोड़ी और उछल कूद
जल्दी ही तेरी बारी आती
शादी
चाहे चाबी वाला हो या
नंबर वाला
ताला ताला ही होता है
जो शादी करता कलियुग में
वह हिम्मतवाला ही होता है
शादी चीज़ है ऐसी की
खूंटे से प्यार हो जाता है
चाहे चाबी पास हो
या हो नंबर मालूम
ताले से प्यार हो जाता है